Posted on 27 Jun, 2019 08:30 pm
स्टार प्लस पर दिखाए जा रहे नए रोमांटिक ड्रामा 'कहां हम कहां तुम' में बिग बॉस 12 की विनर दीपिका के. इब्राहीम मुख्य भूमिका में हैं. करण वी ग्रोवर उनके अपोजिट हैं.इस शो में दीपिका सोनाक्षी नाम की एक फेमस एक्ट्रेस का किरदार निभा रही हैं और करण वी ग्रोवर एक सर्जन का. कैसे दो अलग-अलग फील्ड के लोग मिलते हैं और प्यार कर बैठते हैं.दीपिका ने इस शो के सन्दर्भ में बातचीत की.
आपके नए शो ‘कहां हम कहां तुम’ का विषय वस्तु क्या है?
जैसा कि नाम से पता चलता है इस शो में दो अलग-अलग लोग हैं जोकि दो बिलकुल अलग तरह की पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। किस तरह ये दोनों अपनी व्यस्त जिंदगियों के बीच प्यार के लिये वक्त निकालते हैं, यही इस शो का विषय वस्तु है। ‘कहां हम कहां तुम’ एक अभिनेत्री और एक सर्जन की कहानी है, जोकि अपनी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जिंदगी के बीच संघर्ष करते रहते हैं। उनके प्रोफेशन में समय की कमी के कारण, दोनों एक-दूसरे के लिये वक्त नहीं निकाल पाते हैं। भले ही दोनों एक-दूसरे के साथ अच्छे पल नहीं बिता पाते हैं, फिर भी वे अपने प्यार के साथ किस तरह आगे बढ़ते है और अपने रिश्ते को बनाये रखते हैं, यह कहानी इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है।
आपने इस किरदार की तैयारी कैसे की?
शुरुआत में मेरे लिये इस किरदार में ढलना थोड़ा मुश्किल था। जिस समय एक्शन बोला जाता और अभिनय की शुरुआत होती, तब पिछले शो में किये गये मेरे ड्रामा को देखते हुए, मुझे बिल्कुल स्वाभाविक नजर आना था और मेरी पिछली भूमिकाओं को पूरी तरह भूल जाना था। इससे पहले मैंने पार्वती का किरदार निभाया है और अब मैं सोनाक्षी की भूमिका अदा कर रही हूं, दोनों में काफी अंतर है। मेरा लुक और मेरा किरदार दोनों ही बहुत हटकर हैं। यह एक बेहद प्रासंगिक किरदार है। यह काफी कुछ मेरे जैसा है। मैंने लगभग अपना वजन 7 किलोग्राम तक कम किया है और यह मैंने खासतौर से सोनाक्षी के किरदार के लिए किया है। मुझे महसूस हुआ कि यदि मैं कुछ समय बाद पर्दे पर नजर आ रही हूं तो मुझे बिल्कुल फ्रेश दिखना चाहिए। मैं चाहती थी कि लोगों को इस बात का अहसास हो कि मैं वह दीपिका नहीं हूं जिसे वे पिछले कुछ सालों से देखते आ रहे हैं। शुक्र है, मैं इसे हासिल करने में कामयाब हुई हूं।
आप इस शो का हिस्सा कैसे बनीं?
दरअसल, यह उस समय हुआ, जब मैं ‘बिग बॉस’ में जाने वाली थी, लेकिन मैंने अपने पेपर साइन नहीं किये थे, तभी मुझे संदीप सिकंद का फोन आया था। हमने मुलाकात की। लेकिन उसके बाद ‘बिग बॉस’ किया। संदीप के लिये असंभव सा था कि वह चार महीनों तक मेरे लिये इंतजार करें, क्योंकि मैं तो ‘बिग बॉस’ के घर में थी। जब मैं ‘बिग बॉस’ में गयी तब उस शो के बारे में भूल गयी थी कि संदीप मुझे इस शो में लेंगे। जब मैं ‘बिग बॉस’ में थी तब मुझे इस बारे में बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि उन्होंने दूसरी अभिनेत्रियों से बात की या नहीं । जब मैं इस शो से बाहर आ गयी, उन्होंने मुझे 15 या उसके कुछ दिनों बाद फोन किया। उन्होंने कहा, ‘’दीपिका मैंने इस शो के लिये किसी और को फाइनल नहीं किया है।‘’ तो मैंने कहा, ‘ठीक है’। फिर हमने एक-दो मुलाकातें की और चीजें काम कर गयीं। ऐसा लगा कि यह शो मेरे लिये ही बना था।
इस शो के कॉन्सेप्ट की बात करें, तो आप किस तरह अपने करीबियों के लिये वक्त निकालती हैं?
यदि आप अपने रिश्तों,अपने परिवार और दोस्तों की परवाह करते हैं तो आप खुद से कोशिश करते हैं, और यह बिल्कुल स्वाभाविक रूप से सामने आता है। मैं जब भी जल्दी काम खत्म कर लेती हूं, तब मैं अपने पति और परिवार के लिये वक्त निकाल लेती हूं। किसी दिन शोएब मेरी शिफ्ट के बाद मुझे लेने आने की कोशिश करते हैं, ताकि हम एक छोटी-सी ड्राइव पर जा सकें और इस तरह हम एक-दूसरे के लिये छोटी-छोटी चीजें करते हैं और एक-दूसरे को खास होने का अहसास कराते हैं। मुझे शोएब की सबसे अच्छी बात यही लगती है कि जब वह शूटिंग नहीं कर रहे होते हैं और घर पर होते हैं तो मेरे साथ पूरे वक्त रहते हैं। इसके बाद वह कहीं बाहर नहीं जाते हैं। एक समय था जब हम दोनों लगातार शूटिंग कर थे तो हम इस बात की कोशिश करते थे कि कुछ भी हो जाये, एक कप चाय जरूर साथ पियेंगे और वह चाय मेरे हाथों की बनी होती थी। एक-दूसरे के लिये वक्त निकालने का काम दोनों तरफ से होता है।
आपको ऐसा लगता है कि आज के जमाने में परिवार, शादी और रिश्तों को संभालना मुश्किल काम है, जहां हम सब कॅरियर के पीछे लगे हुए हैं और अपने परिवार के लिये आप वक्त नहीं निकाल पाते?
मुझे ऐसा लगता है कि यह हर किसी की सोच पर निर्भर करता है। भले ही हम अपने प्रोफेशन को पसंद करते हैं और इसे पूरे दिल से निभाते हैं, अपना सारा वक्त इसमें लगा देते हैं, लेकिन आखिरकार हम एक इंसान हैं और हमें प्यार की जरूरत है। शादी ने मेरी जिंदगी को आसान बना दिया है। अब मेरा सपोर्ट सिस्टम पहले से भी कहीं ज्यादा मजबूत हो गया है। मेरे ससुरालवाले मुझे काफी सपोर्ट करते हैं। वह मेरे लिये उसी बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं, मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि अम्मी (सास) और शाबा सब चीजों का ध्यान रखने के लिये मौजूद हैं। मेरी सास बस इतना चाहती हैं कि मैं अपना खाना खुद बनाऊं और काम पर ले जाऊं, क्योंकि वह डाइट फूड नहीं बना सकतीं। बाकी सारी चीजों का ध्यान वह रखती हैं। मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे अपने ससुराल वालों का पूरा सपोर्ट मिला हुआ है।