Posted on 09 Feb, 2019 05:20 pm

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तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर करेंगी फिल्म 'सांड की आँख' में अभिनय

तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर दुनिया की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाती नजर आएंगी. इस अनोखी फिल्म का नाम 'सांड की आंख' है जो उतना ही अनोखा है. इस फिल्म के ज़रिये लेखक तुषार हीरानंदानी डायरेक्शन के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं. यह फिल्म रिलायंस एंटरटेंमेंट के तहत अनुराग कश्यप और निधि परमार द्वारा निर्मित भी होगी.

रिलायंस एंटरटेनमेंट के समूह सीईओ शिबाशीष सरकार कहते हैं, "यह एक ऐसी कहानी थी, जिसे बताया जाना चाहिए और हम रिलायंस एंटरटेनमेंट के इस प्रयास को बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्साहित हैं"।

निर्माता अनुराग कश्यप कहते हैं, "ऐसे समय में, जहां कंटेंट ही किंग है, हम मानते हैं कि सांड की आंख सही मायने में अच्छी फिल्म होगी। एक बेहतरीन पटकथा के साथ, तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर जैसे बहुमुखी अभिनेत्रियाँ और एक बेहद प्रतिभाशाली तुषार हीरानंदानी जहाज की कप्तानी कर रहे हैं, हमें भरोसा है कि हम इस फिल्म के द्वारा हमारे पास एक विजेता है ”।

यूपी के भीतरी इलाकों में स्थित, यह फिल्म मेरठ में शूट होगी। भुमी पेडनेकर और तापसी पन्नू पहले ही इस फिल्म के लिए तयारी और लुक टेस्ट के साथ पूरे जोश में आने लगी हैं।

निर्देशक तुषार हीरानंदानी कहते हैं, "हम ईमानदारी से इस फिल्म के लिए इससे बेहतर कलाकार नहीं पा सकते थे। भुमी और तापसी दोनों ने अपने दिल और आत्मा को इसके प्रशिक्षण और इसके लुक तक के लिए कड़ी मेहनत की है और खुद को अपने अपने पात्रों में ढाल लिया है। यह फिल्म उनके जैसे पावरहाउस कलाकारों के लिए अपनी वास्तविक क्षमता के प्रदर्शन हेतु एक सही मंच है।' प्रोड्यूसर निधि परमार कहती हैं, "मेडल जीतने से लेकर दिल जीतने तक, इन रिवॉल्वर दादियों के लिए रास्ता बनाओ"।

रिवॉल्वर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर पर बन रही इस फिल्म में चंद्रो और उनकी शूटर ननद प्रकाशी तोमर की कहानी दिखाई जाएगी। आपको बता दें कि 86 साल की चंद्रो तोमर, यूपी के बागपत जिले के जोहरी गांव की हैं। चंद्रो तोमर के 6 बच्चे और 15 नाती-पोते हैं। जब उनकी एक पोती शैफाली को वे डॉ. राजपाल की शूटिंग एकडेमी में लेकर गईं। जहां उनकी पोती बन्दुक से निशाना लगाने के लिए संघर्ष करती रही तब चंद्रो ने उसके हाथ से गन लेकर खुद ही निशाना लगा दिया। दादी का निशाना एकदम सटीक लगा और ऐसा देखकर एकडेमी के ट्रेनर ने उनसे भी शूटिंग शुरू करने की बात कही. हैरत की बात यह है कि 65 साल की उम्र में शूटिंग का अभ्यास शुरू करने के बाद चंद्रो ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने लगभग दो दर्जन राष्ट्रिय शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया और सारे टूर्नामेंट जीते। चंद्रो, दुनिया की सबसे बुजुर्ग शूटर के खिताब से नवाजी गई हैं। उनकी ननद 81 साल की प्रकाशी तोमर भी उन्हें देखकर शूटिंग करने लगीं। प्रकाशी को रिवॉल्वर दादी और चंद्रो को शूटर दादी के नाम से जाना जाता है। इन्ही की कहानियों को भूमि और तापसी की इस फिल्म में पेश किया जायेगा.