Posted on 14 Nov, 2019 02:40 pm

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फिल्म समीक्षा: पैसा वसूल इंटरटेनर है 'बागपत का दूल्हा'

फिल्म समीक्षा: 'बागपत का दूल्हा' बैनर : फ़ेम फ़ैक्टरी, निर्देशक करण कश्यप, कलाकार : जय सिंह, रूचि सिंह,‌ रज़ा मुराद, अमिता नांगिया, ललित परिमू व पुनीत वशिष्ठ, निर्माता कृष्ण कुमार भूत व रक्षा बारिया, अवधि 117 मिनट, सेंसर : युए, रेटिंग्स: 3 स्टार्स.

'सिक्स अवर्स विथ टेररिस्ट' और 'कठोर' जैसी फ़िल्म डायरेक्ट कर चुके युवा निर्देशक करण कश्यप अब इस हफ्ते लेकर आए हैं एक कॉमेडी फिल्म 'बागपत का दूल्हा'. इस कॉमेडी फ़िल्म में दर्शकों को रोमांस और ड्रामा दोनों का आनंद मिलेगा. इस फ़िल्म में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बोली और लोकल फ्लेवर को भी काफ़ी अहमियत दी गयी है. ९० के दशक में केबल टीवी का कारोबार काफी होता था. केबल के धंधे में बहुत लड़ाइयाँ भी होती थीं, एरिया को लेकर झगडे होते थे. इसी प्लाट को ध्यान में रखते हुए डायरेक्टर ने इस फिल्म को कॉमिक वे में बनाने की कोशिश की है.

फिल्म की कहानी बेहद ही मनोरंजक होने के साथ ही हास्य घटनाओं से लोटपोट कर देनेवाली है। बाग़पत का दूल्हा यानि कि शिवा शुक्ला और अंजलि की शादी तय हुई है, मगर कोई भी नहीं चाहता है कि किसी भी कीमत पर दोनों की शादी हो. क्योंकि दोनों के माँ बाप के बीच दुश्मनी है, मज़े की बात है कि ख़ुद शिवा और अंजलि भी शादी नहीं करना चाहते हैं! फ़िल्म में कई तरह के असमंजस के हालात दिखायी देंगे. यह जानना दिलचस्प होगा कि क्या शिवा और अंजलि की शादी होती है या नहीं? यह फ़िल्म का क्लाइमैक्स है. इस रोमांटिक कॉमेडी में बहुत सारा कन्फ्यूजन है. और यह कंफ्यूजन सिचुएशनल कॉमेडी क्रिएट करता है.
 
'बागपत का दूल्हा' में मुख्य भूमिकाएं जय सिंह, रूचि सिंह, लोकेश मलिक, जिया चौहान, रज़ा मुराद, ललित परिमू, रवि झंकाल, अमिता नांगिया, पुनीत वशिष्ठ और शीतल डिमरी ने निभायीं हैं. शिवा शुक्ल के रूप में जय सिंह ने इम्प्रेस किया है, हालाँकि इस फिल्म के ज़रिए अभिनेता जय सिंह ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा है. अंजली मिश्रा के रोल के साथ रूचि सिंह ने पूरा इंसाफ किया है. विधायक के रोल में रजा मुराद का रोल बहुत रंग लिए हुए है साथ ही इस फिल्म में उनके भतीजे का रोल पुनीत वशिष्ठ ने निभाया है जो फिल्म का सबसे गुदगुदाने वाला पार्ट है. रजा मुराद के भतीजे को भूलने की बीमारी है और उन्होंने जितनी सहजता से यह रोल किया है दर्शक हंस हंस कर लोटपोट हो जाते हैं. डायरेक्टर करण कश्यप को दाद देनी होगी कि उन्होंने रजा मुराद से भी कॉमेडी करवा ली है और फिल्म को कहीं भी बोर नहीं होने दिया है और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता है.

इस फिल्म की अधिकतर शुटिंग रियल लोकेशंस पर हुई है. इसलिए फ़िल्म रियलिस्टिक दिखती है। फ़िल्म में ५ सिचुएशनल सांग्स हैं जिन्हें संगीतकार चन्दन सक्सेना और विष्णु विक्रम ने कम्पोज़ किया है। फिल्म में जावेद अली, शबाब साबरी, मोना भट्ट जैसे कई सिंगर्स ने गीत गाए हैं. इस में एक रोमांटिक सेड सांग बहुत प्यारा है। फिल्म में रोमांटिक, डांस नम्बर और आइटम गीत भी हैं. इसमे एक ऐसा सिक्वेंस भी है जब एक लड़की शराब पीकर अपने बोय फ्रेंड के घर के बाहर खूब डांस करती है. यह गाना भी फिल्म का हाईलाईट है. इस तरह देखा जाए तो म्युज़िक के मामले में फिल्म बेहतर है.

इस फ़िल्म का लेखन और निर्देशन किया है करण कश्यप ने जबकि सुहास सिंह और कनुप्रिया फ़िल्म के सह-लेखक हैं. कृष्ण कुमार भूत और रक्षा बारिया ने फ़िल्म का निर्माण किया गया है, विष्णु विक्रम, विकास दवे और करण कश्यप ने मिलकर इस फ़िल्म के गीत लिखे हैं जबकि फ़िल्म का संगीत दिया है चंदन सक्सेना और विष्णु विक्रम ने. देवांग परदेसी और भारत चव्हाण फ़िल्म के कोरियोग्राफ़र हैं और साजिद शेख ने फ़िल्म का छायांकन किया है. फ़िल्म के लाजवाब एक्शन का श्रेय जाता है हीरा मास्टर को और फ़िल्म का पार्श्व संगीत दिया है चंदन सक्सेना ने. बॉलीवुड में इन दिनों ग्रामीण परिवेश की कहानियों को बहुत पसंद किया जा रहा है ऐसे में यह फिल्म भी मनोरंजन और ड्रामा से भरपूर है, पैसा वसूल इंटरटेनर है 'बागपत का दूल्हा' जो दर्शकों को गुदगुदाने में ज़रूर कामयाब साबित होगी. कॉमेडी का मजा लेना चाहते हैं तो आपको देखनी चाहिए यह फिल्म. रेटिंग्स तीन स्टार्स.