Posted on 14 Nov, 2019 01:20 pm

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नाटक 'कोर्टमार्शल' भारतीय सेना में मौजूद जाति प्रथा पर एक कटाक्ष : अंकेश सिंह

अंकेश सिंह पिछले दस वर्षो से थिएटर पे बतौर अभिनेता और निर्देशक काम कर रहे हैं. मुख्यतः बिहार से सम्बन्ध रखने वाले अंकेश २००६ में मुंबई आए और सबसे पहले उन्होंने अनुपम खेर के एक्टिंग इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का डिप्लोमा कोर्स किया. आशा चंद्रा के एक्टिंग स्कुल से भी एक्टिंग सीखी. एन एस डी के डायरेक्टर विजय कुमार के साथ दो साल तक काम करते रहे. अंक ग्रुप के ओनर दिनेश ठाकुर जी के साथ उन्होंने काफी काम किया. फिर उन्होंने अपना थिएटर ग्रुप 'द एक्टर्स एक्सप्रेशंस' २०११ में शुरू किया. उसी के तहत तक़रीबन आठ प्ले कर चुके हैं. बालिका वधु, ससुराल सिमर का, अफसाना कह रहा हूँ जैसे कई टीवी शोज़ भी वह कर चुके हैं. डीडी के एक शो 'अल्पज्ञान' में उन्होंने बतौर लीड एक्टर प्ले किया था. उन्होंने दो तीन फिल्मो में भी काम किया है.

मुंबई के ओडीएम ऑडिटोरियम में अंकेश ने अपने दो नाटकों का मंचन किया. एक प्ले का नाम है 'गधे की बारात' जो सामाजिक, धार्मिक और राजनितिक परिस्थितियों पर एक सटायर है जिसे उन्होंने निर्देशित किया है. 'गधे की बारात' में अंकेश सिंह एक मुख्य किरदार कल्लू का किरदार निभा रहे हैं. जो गधा चलाता है. दरअसल कल्लू सामाजिक बुराइयों का पर्दाफाश करने वाला एक चरित्र है जो हालात पे व्यंग्य करता है. प्ले में धर्म के बारे में कल्लू का एक संवाद है ''जिसने इस मुख को, इस शरीर को इस तन को बनाया, हम उसी का नाम नहीं लेते. तो धिक्कार है ऐसी जिन्दगी पर. मनुष्य होने का क्या फायदा.''कल्लू गाँव का है लेकिन वह अंग्रेजी बोलने की कोशिश करता है क्योंकि आज हम भारतीय सभ्यता संस्कृति और भाषा छोड़कर विदेशी संस्कृति को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर वह व्यंग्य करता है. इस प्ले में अंकेश सिंह (कल्लू) साधना गुप्ता (गंगी) सक्षम कुमार (राजा) बजी नवले (दीवान जी) विक्रांत मेहता (इन्दर) प्रियंका (राजकुमारी) मनोज कुमार (चिटेरसेन) पूनम (राजकुमारी की बहन) ने एक्ट किया है.

दुसरे प्ले का नाम है 'कोर्ट मार्शल' जिसको अंकेश सिंह ने डायरेक्ट किया है. नाटक 'कोर्टमार्शल' में भी अंकेश सिंह डॉक्टर गुप्ता का रोल प्ले कर रहे हैं और साथ में कलाकार विक्रांत मेहता(कर्नल सूरत सिंह) सक्षम कुमार(विकाश राय) रुशूल परमार (कप्तान बी डी कपूर) अंकेश सिंह (डॉ गुप्ता) साहिल कुमार (मेजर पूरी) रुद्रेश पाठक (सलाहकार जज)  बजी नवले (राम चन्दर) मनोज कुमार ( सूबेदार बलवान सिंह) सुनील कुमार (गार्ड) ने काम किया है. स्वदेश दीपक द्वारा लिखित यह नाटक भारतीय सेना में मौजूद जाति प्रथा पर एक कटाक्ष करता है. एक लो रैंक वाले जवान रामचंद्र को उसके सीनियर अक्सर भंगी चमार कहते हैं. किसी के बारे में अगर कोई इस तरह का तंज कसेगा तो कोई भी अपना आपा खो सकता है  इसमें एक अहम सवाल उठाया गया है. मुख्यतः अंकेश सिंह अपने आप को एक्टर मानते हैं लेकिन इतने वर्षो थिएटर से जुड़े होने के कारण अब वह डायरेक्शन को भी एन्जॉय कर रहे हैं. इन्होने एक्टिंग टीचर एनएसडी के वसीम से भी ज्ञान लिया और एनएसडी रेपेट्री डायरेक्टर प्रमोद शर्मा के साथ भी एक्टर के रूप में काम किया हैं। गधे की बारात में एक नृत्य है जिसके नृत्य मास्टर हैं कृष्णा।