Posted on 18 Jan, 2019 08:50 pm

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सुनने की बीमारी को लेकर जागरूकता फैला रही हैं देवांगी दलाल

जानी-मानी ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच थेरपिस्ट देवांगी दलाल बहरे बच्चों या सुनने की कम शक्ति रखने वालों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए पिछले काफी वर्षों से काम कर रही हैं. 25 वर्षों से अधिक के करियर के साथ, देवांगी दलाल वर्ष 2012 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑडियोलॉजी से ह्युमिटेरियन अवार्ड प्राप्त करने वाली पहली भारतीय ऑडियोलॉजिस्ट हैं। डॉ दलाल ने डेनमार्क, कनाडा, एम्स्टर्डम, दुबई, इटली जैसे देशों में विभिन्न ऑडीओलॉजी सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 

देवांगी दलाल, जो पेशे से एक ऑडियोलॉजिस्ट और स्पीच-थेरेपिस्ट हैं, बधिर बच्चों और वयस्कों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इन बच्चों को अलग रूप में वर्गीकृत नहीं करने के लिए उनका विश्वास अटल है. वह चाहती हैं कि उनकी बात और उनका नजरिया सरकार तक पहुँचे. देश में नए जन्मे शिशुओं के लिए परीक्षण करने में वह सरकार की मदद चाहती हैं ताकि शुरुआती चरणों में कम सुनने की समस्याओं की पहचान करने में मदद मिल सके. डॉक्टर देवांगी दलाल को विश्वास है कि बहरे या कम सुनने वाले लोगों के लिए सकारात्मकता प्रदान करना जरुरी है जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में मदद करेगा. देवांगी दलाल की खासियत ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी में है, जिसमें हियरिंग, स्पीच, आवाज और न्यूरोलॉजिकल विकार के साथ बच्चों और वयस्कों का आकलन किया जाता है। घर और समुदाय में उनके कामकाज में सुधार के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों की योजना बनाई जाती है. 

कम सुनने या बहरे बच्चों की जरूरतों के लिए काम करने की उनकी इच्छा का नतीजा है कि देवांगी दलाल ने ऐसे बच्चों को सुनने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ जयंत गांधी के साथ मिलकर जोश फाउंडेशन की स्थापना की। देवांगी दलाल फण्ड इकट्ठा करने और विभिन्न इवेंट्स, लेक्चर्स और वर्कशॉप्स के माध्यम से इन बच्चों को एक मंच प्रदान करने में सहायक रही हैं।

देवांगी दलाल ने गुजराती और हिंदी में किताबें भी लिखी हैं जिनके ज़रिये श्रवण-बाधित बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की गई है और यह किताबे उन समस्याओं का समाधान भी पेश करती हैं। गौर तलब है कि देवांगी दलाल ने कम सुनने की बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 17 मिनट की एक टेली-फिल्म का भी निर्देशन किया है।

देवांगी दलाल ने, ईएनटी डॉ जयंत गांधी के साथ, हाल ही में श्रवण बाधित बच्चों के लिए रोबोटिक्स कार्यशाला का भी आयोजन किया, क्योंकि उनका मानना है कि वे किसी भी सामान्य बच्चे से कम नहीं हैं और चाहते हैं कि वे समान शिक्षा प्राप्त करें। देवांगी ने लायंस और जूहू के लियो क्लब के साथ मिलकर एक अनोखे रैंप शो का भी आयोजन किया, जहां बहरे, गूंगे, अपंग, अंधे बच्चे और लोगों ने डिजाइनर कपड़ों में रैंप वॉक किया और साबित किया कि वे कम नहीं हैं!

जोश फाउंडेशन के माध्यम से, देवांगी ने अब तक 1000 से अधिक हियरिंग यंत्रों का वितरण किया है और प्रत्येक यंत्र की कीमत लगभग 60,000 रूपए है। जोश फाउंडेशन के वार्षिक कार्यक्रम में एक अलग-सी ऊर्जा देखने को मिलती है. आपको बता दें कि जोश फाउंडेशन पिछले दस वर्षों से अधिक समय से बधिर बच्चों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए काम करता आया है। जोश के संस्थापक इएनटी सर्जन डॉक्टर जयंत गांधी और स्पीच थेरपिस्ट देवांगी दलाल हैं. देवांगी का मानना है कि बधिरों को बोझ न समझा जाए, उन्हें सहयोग दिया जाए। बधिर होना अब दिव्यांगता की निशानी नहीं है।

जोश फाउंडेशन द्वारा ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के अवसर पर बच्चों का उत्साहवर्धन करने और उन्हें सपोर्ट देने के लिए मनोरंजन और शिक्षा जगत की कई हस्तियां भी आती हैं. जोश फाउंडेशन ऐसे बच्चों को हियरिंग एड देता आया है ताकि उन्हें सुनने में कोई दिक्कत न आए.